जॉबवाइट की एक रिसर्च के मुताबिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जॉब आउटरीच प्रोग्राम जैसे डिजिटल कम्युनिकेशन टूल्स का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है। इसके मुताबिक 58 फीसदी रिक्रूटर्स अब फेसबुक, लिंक्डइन जैसे सोशल मीडिया नेटवर्क्स का उपयोग कर रहे हैं। दरअसल, महामारी ने न सिर्फ काम के तमाम तौर तरीकों को बदला है, बल्कि नए एम्प्लॉइज की हायरिंग के लिए कई नए इनोवेटिव तरीकों को सामने रखा है।
द स्टाफिंग स्ट्रीम डॉट कॉम की एक रिपोर्ट के अनुसार 500 रिक्रूटर्स पर किए गए एक सर्वे में 90 फीसदी रेस्पॉन्डेंट्स ने कहा कि उन्होंने इस दौर में अपनी हायरिंग स्ट्रैटजी में बदलाव किए। लॉकडाउन के दौरान 51 फीसदी स्टाफिंग प्रोफेशनल्स ने कैंडिडेट का ऑनलाइन इंटरव्यू किया तो 42 फीसदी ने रिमोट ऑफर्स दिए।
हाइब्रिड वर्किंग मॉडल इस साल भी रहेगा
कोरोना के बाद गूगल दुनिया की पहली टेक कंपनी बनी जिसने एम्प्लॉइज के लिए वर्क फ्रॉम होम की घोषणा की। ट्विटर ने भी अपने कर्मचारियों को तब तक घर से काम करने की अनुमति दी जब तक वे चाहें। हाल ही नौकरी हायरिंग आउटलुक सर्वे में सामने आया है कि 47% रिक्रूटर्स फिलहाल घर से काम कर रहे हैं। इनमें से 69% लोगों का मानना है कि इस व्यवस्था में कर्मचारी पहले जितने या उससे ज्यादा प्रॉडक्टिव हैं। इतना ही नहीं 60% जॉब सीकर्स भी वर्क फ्रॉम होम और ऑफिस वर्किंग के मिलेजुले मॉडल को वरीयता देते हैं। साफ है कि ऑफिस अपनी जगह बने रहेंगे साथ ही रिमोट वर्किंग के बढ़ते चलन से भविष्य में हाइब्रिड-वर्किंग मॉडल का रास्ता खुलेगा।
नियोक्ता परमानेंट की जगह टेम्पररी कर्मचारियों को देंगे वरीयता
कोविड पूर्व की तुलना में रिमोट हायरिंग में तीन गुना वृद्धि हुई है। इंडीड डॉट कॉम के मैनेजिंग डायरेक्टर शशि कुमार के अनुसार फ्रेशर्स को एडमिनिस्ट्रेशन (14%), टेक सॉफ्टवेयर ( 10%), कस्टमर सर्विसिंग ( 8%), मार्केटिंग ( 5%) और सेल्स (4%) में अवसर मिले। इस दौरान कंपनियों ने अपनी हायरिंग की वरीयता को भी बदला। रिसर्च कंपनी गार्टनर के अनुसार 32% नियोक्ताओं ने परमानेंट कर्मचारियों की जगह टेम्पररी और कॉन्ट्रैक्चुअल वर्कर्स की हायरिंग की।
रिमोट हायरिंग में भी बढ़ोतरी हुई, वर्चुअल इंटरव्यू के लिए रहे तैयार
जॉब सर्च साइट इंडीड डॉट कॉम के मुताबिक पैंडेमिक में दो में से एक एंप्लॉय की नियुक्ति वर्चुअली हुई। इसी को देखते हुए एचआर एक्सपर्ट का भी मानना है कि अब कैंडिडेट्स को वर्चुअल इंटरव्यू और वेबकैम के साथ खुद को कंफर्टेबल बनाना होगा। साथ ही अपनी बॉडी लैंग्वेज सही ड्रेसिंग और मजबूत नेटवर्क का भी ध्यान रखने की जरूरत होगी।
डिमांड में रहेंगे स्किल सेट्स
वर्क फ्रॉम होम अब एक वास्तविकता है और डिजिटल आधारित जॉब्स के आगे के सालों में भी रिमोट मोड में रहने की संभावना है। यही वजह है कि आने वाले समय में अपस्किलिंग एम्प्लॉयबिलिटी में सबसे महत्वपूर्ण फैक्टर होगी। नौकरी डॉट कॉम के एक सर्वे में 50 फीसदी से ज्यादा जॉबसीकर्स ने कहा कि वे अपस्किलिंग के जरिए न सिर्फ अपने प्रोफेशनल डेवलपमेंट पर ध्यान दे रहे हैं, बल्कि अपने क्षेत्र की नॉलेज को बढ़ा रहे हैं और रेज्यूमे तैयार करने के लिए प्रोफेशनल्स की भी मदद ले रहे हैं।
मशीन लर्निंग और AI कोर्सेज के रजिस्ट्रेशन में बढ़ोतरी
ज्यादातर ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म्स ने मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे कोर्सेज में रजिस्ट्रेशन की संख्या में इजाफा देखा। ग्रेट लर्निंग एकेडमी नामक टेक्नोलॉजी प्लेटफाॅर्म के मुताबिक उनके 41 प्रतिशत लर्नर्स वर्किंग प्रोफेशनल्स हैं और 28 फीसदी हालिया ग्रेजुएट्स। आंकड़ों से साफ है कि पैन्डेमिक ने लोगों को यह समझाया है कि जो स्किल्स उनके पास हैं वे इंडस्ट्री के लिए जरूरी स्किल्स से बहुत अलग हैं।
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जॉबवाइट की एक रिसर्च के मुताबिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जॉब आउटरीच प्रोग्राम जैसे डिजिटल कम्युनिकेशन टूल्स का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है। इसके मुताबिक 58 फीसदी रिक्रूटर्स अब फेसबुक, लिंक्डइन जैसे सोशल मीडिया नेटवर्क्स का उपयोग कर रहे हैं। दरअसल, महामारी ने न सिर्फ काम के तमाम तौर तरीकों को बदला है, बल्कि नए एम्प्लॉइज की हायरिंग के लिए कई नए इनोवेटिव तरीकों को सामने रखा है।
द स्टाफिंग स्ट्रीम डॉट कॉम की एक रिपोर्ट के अनुसार 500 रिक्रूटर्स पर किए गए एक सर्वे में 90 फीसदी रेस्पॉन्डेंट्स ने कहा कि उन्होंने इस दौर में अपनी हायरिंग स्ट्रैटजी में बदलाव किए। लॉकडाउन के दौरान 51 फीसदी स्टाफिंग प्रोफेशनल्स ने कैंडिडेट का ऑनलाइन इंटरव्यू किया तो 42 फीसदी ने रिमोट ऑफर्स दिए।
हाइब्रिड वर्किंग मॉडल इस साल भी रहेगा
कोरोना के बाद गूगल दुनिया की पहली टेक कंपनी बनी जिसने एम्प्लॉइज के लिए वर्क फ्रॉम होम की घोषणा की। ट्विटर ने भी अपने कर्मचारियों को तब तक घर से काम करने की अनुमति दी जब तक वे चाहें। हाल ही नौकरी हायरिंग आउटलुक सर्वे में सामने आया है कि 47% रिक्रूटर्स फिलहाल घर से काम कर रहे हैं। इनमें से 69% लोगों का मानना है कि इस व्यवस्था में कर्मचारी पहले जितने या उससे ज्यादा प्रॉडक्टिव हैं। इतना ही नहीं 60% जॉब सीकर्स भी वर्क फ्रॉम होम और ऑफिस वर्किंग के मिलेजुले मॉडल को वरीयता देते हैं। साफ है कि ऑफिस अपनी जगह बने रहेंगे साथ ही रिमोट वर्किंग के बढ़ते चलन से भविष्य में हाइब्रिड-वर्किंग मॉडल का रास्ता खुलेगा।
नियोक्ता परमानेंट की जगह टेम्पररी कर्मचारियों को देंगे वरीयता
कोविड पूर्व की तुलना में रिमोट हायरिंग में तीन गुना वृद्धि हुई है। इंडीड डॉट कॉम के मैनेजिंग डायरेक्टर शशि कुमार के अनुसार फ्रेशर्स को एडमिनिस्ट्रेशन (14%), टेक सॉफ्टवेयर ( 10%), कस्टमर सर्विसिंग ( 8%), मार्केटिंग ( 5%) और सेल्स (4%) में अवसर मिले। इस दौरान कंपनियों ने अपनी हायरिंग की वरीयता को भी बदला। रिसर्च कंपनी गार्टनर के अनुसार 32% नियोक्ताओं ने परमानेंट कर्मचारियों की जगह टेम्पररी और कॉन्ट्रैक्चुअल वर्कर्स की हायरिंग की।
रिमोट हायरिंग में भी बढ़ोतरी हुई, वर्चुअल इंटरव्यू के लिए रहे तैयार
जॉब सर्च साइट इंडीड डॉट कॉम के मुताबिक पैंडेमिक में दो में से एक एंप्लॉय की नियुक्ति वर्चुअली हुई। इसी को देखते हुए एचआर एक्सपर्ट का भी मानना है कि अब कैंडिडेट्स को वर्चुअल इंटरव्यू और वेबकैम के साथ खुद को कंफर्टेबल बनाना होगा। साथ ही अपनी बॉडी लैंग्वेज सही ड्रेसिंग और मजबूत नेटवर्क का भी ध्यान रखने की जरूरत होगी।
डिमांड में रहेंगे स्किल सेट्स
वर्क फ्रॉम होम अब एक वास्तविकता है और डिजिटल आधारित जॉब्स के आगे के सालों में भी रिमोट मोड में रहने की संभावना है। यही वजह है कि आने वाले समय में अपस्किलिंग एम्प्लॉयबिलिटी में सबसे महत्वपूर्ण फैक्टर होगी। नौकरी डॉट कॉम के एक सर्वे में 50 फीसदी से ज्यादा जॉबसीकर्स ने कहा कि वे अपस्किलिंग के जरिए न सिर्फ अपने प्रोफेशनल डेवलपमेंट पर ध्यान दे रहे हैं, बल्कि अपने क्षेत्र की नॉलेज को बढ़ा रहे हैं और रेज्यूमे तैयार करने के लिए प्रोफेशनल्स की भी मदद ले रहे हैं।
मशीन लर्निंग और AI कोर्सेज के रजिस्ट्रेशन में बढ़ोतरी
ज्यादातर ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म्स ने मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे कोर्सेज में रजिस्ट्रेशन की संख्या में इजाफा देखा। ग्रेट लर्निंग एकेडमी नामक टेक्नोलॉजी प्लेटफाॅर्म के मुताबिक उनके 41 प्रतिशत लर्नर्स वर्किंग प्रोफेशनल्स हैं और 28 फीसदी हालिया ग्रेजुएट्स। आंकड़ों से साफ है कि पैन्डेमिक ने लोगों को यह समझाया है कि जो स्किल्स उनके पास हैं वे इंडस्ट्री के लिए जरूरी स्किल्स से बहुत अलग हैं।
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