दुनिया भर में फैली कोरोना महामारी के चलते पढ़ाई से लेकर ऑफिस तक का सभी काम ऑनलाइन ही हो रहा है। इसी क्रम में पहली बार ‘अमेरिका रोड्स स्कॉलर्स' (US Rhodes Scholars) का सिलेक्शन भी ऑनलाइन ही किया गया। इसके तहत कुल 32 स्टूडेंट्स ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में स्कॉलरशिप हासिल की है। इनमें से 22 ‘अल्पसंख्यक' (स्टूडेंट ऑफ कलर) और 10 अश्वेत शामिल हैं। यह पहली बार है जब इतनी ज्यादा संख्या में अश्वेत स्टूडेंट्स का सिलेक्शन नहीं हुआ है।
2300 स्टूडेंट्स ने किया था अप्लाय
‘रोड्स ट्रस्ट' के अमेरिकी सचिव एलिट गर्सन ने रविवार को स्कॉलरशिप पाने वाले 32 विजेताओं के नाम की घोषणा की। गर्सन ने कहा कि, ‘‘इससे पहले स्कॉलरशिप के लिए स्टूडेंट्स का सिलेक्शन कभी भी ऑनलाइन नहीं किया गया।'' इसके लिए 288 कॉलेजों और यूनिवर्सिटी के करीब 2300 स्टूडेंट्स ने अप्लाय किया था। ‘रोड्स ट्रस्ट' की 16 समितियों ने स्टूडेंट्स को शॉर्टलिस्ट कर ऑनलाइन इंटरव्यू लिया। इसके बाद हर जिले से दो-दो कैंडिडेट्स का सिलेक्शन किया गया।
1902 में शुरू हुई थी स्कॉलरशिप
विजेताओं में 17 फीमेल, 14 मेल और एक ट्रांसजेंडर स्टूडेंट है। इसमें चार अमेरिकी-भारतीय स्टूडेंट्स स्वाति आर. श्रीनिवासन, विजयसुंदरम रामसैमी, गरिमा पी. देसाई और सवरानी संका भी शामिल हैं। ‘रोड्स स्कॉलरशिप' इंग्लैंड की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में दो या तीन साल के पढ़ाई के लिए स्टूडेंट का पूरा खर्च उठाता है। ‘रोड्स स्कॉलरशिप' की शुरुआत सेसिल रोड्स की वसीयत के तहत 1902 में की गई थी।
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दुनिया भर में फैली कोरोना महामारी के चलते पढ़ाई से लेकर ऑफिस तक का सभी काम ऑनलाइन ही हो रहा है। इसी क्रम में पहली बार ‘अमेरिका रोड्स स्कॉलर्स' (US Rhodes Scholars) का सिलेक्शन भी ऑनलाइन ही किया गया। इसके तहत कुल 32 स्टूडेंट्स ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में स्कॉलरशिप हासिल की है। इनमें से 22 ‘अल्पसंख्यक' (स्टूडेंट ऑफ कलर) और 10 अश्वेत शामिल हैं। यह पहली बार है जब इतनी ज्यादा संख्या में अश्वेत स्टूडेंट्स का सिलेक्शन नहीं हुआ है।
2300 स्टूडेंट्स ने किया था अप्लाय
‘रोड्स ट्रस्ट' के अमेरिकी सचिव एलिट गर्सन ने रविवार को स्कॉलरशिप पाने वाले 32 विजेताओं के नाम की घोषणा की। गर्सन ने कहा कि, ‘‘इससे पहले स्कॉलरशिप के लिए स्टूडेंट्स का सिलेक्शन कभी भी ऑनलाइन नहीं किया गया।'' इसके लिए 288 कॉलेजों और यूनिवर्सिटी के करीब 2300 स्टूडेंट्स ने अप्लाय किया था। ‘रोड्स ट्रस्ट' की 16 समितियों ने स्टूडेंट्स को शॉर्टलिस्ट कर ऑनलाइन इंटरव्यू लिया। इसके बाद हर जिले से दो-दो कैंडिडेट्स का सिलेक्शन किया गया।
1902 में शुरू हुई थी स्कॉलरशिप
विजेताओं में 17 फीमेल, 14 मेल और एक ट्रांसजेंडर स्टूडेंट है। इसमें चार अमेरिकी-भारतीय स्टूडेंट्स स्वाति आर. श्रीनिवासन, विजयसुंदरम रामसैमी, गरिमा पी. देसाई और सवरानी संका भी शामिल हैं। ‘रोड्स स्कॉलरशिप' इंग्लैंड की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में दो या तीन साल के पढ़ाई के लिए स्टूडेंट का पूरा खर्च उठाता है। ‘रोड्स स्कॉलरशिप' की शुरुआत सेसिल रोड्स की वसीयत के तहत 1902 में की गई थी।
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