कोरोना महामारी के कारण बंद पड़े स्कूलों की वजह से बच्चों की पढ़ाई को काफी नुकसान हो रहा है। इससे सबसे ज्यादा झुग्गी बस्ती में रहने वाले बच्चे प्रभावित हो रहे है। कोरोना काल में पढ़ाई ऑनलाइन होने के बाद संसाधनों के अभाव में झुग्गी बस्ती में रहने वाले बच्चे शिक्षा से वंचित हो गए है। ऐसे में दिल्ली पुलिस के एक सिपाही थान सिंह ने ऐसे बच्चों की पढ़ाई का बीड़ा उठाया है।

लॉकडाउन के बाद फिर शुरू की क्लासेस
लाल किले की पार्किंग में स्थित साईं मंदिर में सिपाही ने गरीब और जरूरतमंद बच्चों के लिए दोबारा पाठशाला शुरू कर दी है। राजस्थान के अलवर के रहने वाले थान सिंह वर्तमान में द्वारका में रहते हैं। उत्तरी दिल्ली के कोतवाली थाने में सिपाही पद पर तैनात थान सिंह लॉकडाउन से पहले भी गरीब परिवारों के बच्चों को मुफ्त में शिक्षा देते थे। लेकिन, लॉकडाउन होने के कारण इन बच्चों की शिक्षा अधूरी रह गई थी।

रोजाना 30 से 35 बच्चे आते हैं पढ़ते
अनलॉक होते ही उन्होंने बच्चों की पढ़ाई दोबारा से शुरू तो की गई, लेकिन उसे ऑनलाइन कर दिया गया। ऐसे में ऑनलाइन पढ़ाई से वंचित रह गए बच्चों को देख सिपाही ने कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए ड्यूटी से छुट्टी मिलने के बाद बच्चों को पढ़ाना शुरू कर दिया है। उनकी क्लास में रोजाना 30 से 35 बच्चे पढ़ते आते हैं। थान सिंह बताते है कि वह करीब 10 साल से पढ़ा रहे हैं। उनका मकसद समाज को शिक्षित करना है और बच्चों को संस्कारवान बनाना है।
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कोरोना महामारी के कारण बंद पड़े स्कूलों की वजह से बच्चों की पढ़ाई को काफी नुकसान हो रहा है। इससे सबसे ज्यादा झुग्गी बस्ती में रहने वाले बच्चे प्रभावित हो रहे है। कोरोना काल में पढ़ाई ऑनलाइन होने के बाद संसाधनों के अभाव में झुग्गी बस्ती में रहने वाले बच्चे शिक्षा से वंचित हो गए है। ऐसे में दिल्ली पुलिस के एक सिपाही थान सिंह ने ऐसे बच्चों की पढ़ाई का बीड़ा उठाया है।

लॉकडाउन के बाद फिर शुरू की क्लासेस
लाल किले की पार्किंग में स्थित साईं मंदिर में सिपाही ने गरीब और जरूरतमंद बच्चों के लिए दोबारा पाठशाला शुरू कर दी है। राजस्थान के अलवर के रहने वाले थान सिंह वर्तमान में द्वारका में रहते हैं। उत्तरी दिल्ली के कोतवाली थाने में सिपाही पद पर तैनात थान सिंह लॉकडाउन से पहले भी गरीब परिवारों के बच्चों को मुफ्त में शिक्षा देते थे। लेकिन, लॉकडाउन होने के कारण इन बच्चों की शिक्षा अधूरी रह गई थी।

रोजाना 30 से 35 बच्चे आते हैं पढ़ते
अनलॉक होते ही उन्होंने बच्चों की पढ़ाई दोबारा से शुरू तो की गई, लेकिन उसे ऑनलाइन कर दिया गया। ऐसे में ऑनलाइन पढ़ाई से वंचित रह गए बच्चों को देख सिपाही ने कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए ड्यूटी से छुट्टी मिलने के बाद बच्चों को पढ़ाना शुरू कर दिया है। उनकी क्लास में रोजाना 30 से 35 बच्चे पढ़ते आते हैं। थान सिंह बताते है कि वह करीब 10 साल से पढ़ा रहे हैं। उनका मकसद समाज को शिक्षित करना है और बच्चों को संस्कारवान बनाना है।
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